अंजाम ए जिन्दगी
जो मांगोगे अकीदत से तो हम ये जान दे देंगे
करी गर चार सौ बीसी तो हम भी जान ले लेंगे।
मोहब्बत में मोहब्बत के उसूलों से दगाबाजी
सजाए मौत ही होगी अलल ऐलान कह देंगे ।
हमें उनसे मोहब्बत थी, रहेगी और है हाली
ये दो में चार में क्या हम सरे बाजार कह देंगे।
✍️ मोहयी उद्दीन खान (हाली)
Arshi khan
09-Sep-2021 04:08 PM
Waah
Reply
Mohayeeuddin Khan
10-Sep-2021 12:31 AM
Jazakallah khaira ❣️
Reply
Sahil writer
09-Sep-2021 12:22 PM
Wah behtarin
Reply
Mohayeeuddin Khan
10-Sep-2021 12:31 AM
Zarranawazi ka tahedil se shukriya bhai ❣️
Reply
Ravi Goyal
09-Sep-2021 12:22 PM
वाह बहुत सुंदर रचना 👌👌
Reply
Mohayeeuddin Khan
10-Sep-2021 12:32 AM
आपका बेहद शुक्रिया ❣️❣️
Reply